Saturday, December 18, 2010

दिल्ली : भारत की जान/क़ुतुब मीनार/पुनीत कुमार


 

दिल्ली : भारत की जान/क़ुतुब मीनार/पुनीत कुमार



नमस्कार पिछली बार हमने आपको लालकिले के बारे में बताया था. अबकी बार हम आपको ले चलते है क़ुतुब मीनार की सैर कराने. जो वाकई में एक अद्भुत सैर साबित होगी. तो चलते हैं क़ुतुब मीनार की सैर करने
.

भारत की राजधानी दिल्ली दक्षिण भाग में स्थित क़ुतुब मीनार विश्व की सर्वाधिक ऊँची ऐतिहासिक इमारतों में से एक है
यह 72.5 मीटर ऊँची है
क़ुतुब मीनार की नीँव भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने ११९९ ई. में रखवायी और क़ुतुब मीनार का नाम भी उन्होंने अपने नाम पर रखा, जबकि इसकी अंतिम मंजिल 1386 में फिरोजशाह तुगलक द्वारा पूरी करवाई गयी
कहा जाता है कि इसका निर्माण पानी की आपूर्ति को दूर करने के लिए किया गया था. परन्तु कुछ इतिहासकारों ने इसे सिरे से नकार दिया था
उनका कहना है कि इसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने किया था ताकि उनकी बेटी दैनिक पूजा के लिए, इस पर चढ़ कर यमुना नदी को निहार सके.

कुतुब मीनार हिंदू- मुस्लिम स्थापत्य कला का सर्वाधिक शानदार उदाहरण है
क़ुतुब मीनार में 379 सीढि़याँ हैं
नीचे का घेरा 14.3 मीटर है जबकि ऊपरी मंजिल का दायरा 2.73 मीटर है
लाल बलुआ पत्थर से इसका निर्माण किया गया. और इसके शिलालेखों पर कुरान के पविञ छंदों को उकेरा गया है
क़ुतुब मीनार को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है
क़ुतुब मीनार दिल्ली के सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल में शामिल है
2006 में यह पर्यटकों में सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्मारक रहा जबकि ताजमहल दूसरे स्थान पर रहा



क़ुतुब मीनार परिसर में कुछ अन्य स्मारक भी है: क़ुतुब महल के अंदर अधम खान जफर की कबर है और पीछे जमाली कमाली की कब्र है - क़ुतुब मीनार परिसर में 1193 में निर्मित हिंदू स्थापत्य कला के प्राचीन और मध्यकालीन निर्माण ,अवशेष मौजूद हैं
क़ुतुब मीनार के साथ में ही 12 मीटर लंबी अर्धनिर्मित अलमीनार है जिसे क़ुतुब मीनार से भी लंबा बनाने की सोचा गया था



लौह स्तंभ

क़ुतुब मीनार का लौह स्तंभ बहुत प्रसिद है. इसके शिलालेखो पर गुप्त लिपि में संस्कृत के छद लिखे हुए है. इसे लेकर एक कहानी यह भी है कि भीम ने इसे सांपो के राजा को मारने के लिए उस पर गाड़ा क्योंकि सांपो के राजा ने अर्जुन को काट लिया था.इसके साथ ही एक किंवदंति भी है कि केवल भाग्यशाली व्यक्ति ही इस स्तंभ को अपने बाँहों के घेरे मे ले सकते हैं
इसलिये जो भी पर्यटक यहाँ आता है वह एक बार अवश्य इस मीनार को अपनी भुजाओं में समेटने का प्रयास करता है
मस्जिद इस्लाम :-मस्जिद इस्लाम मस्जिद के रूप में क़ुतुब मीनार में स्थित है. इसके पत्थरो पर इस्लामी नक्काशीदारी की गयी है और इसको ब्रोकेड डिजायन दिए गए है.


इल्तुत्त्मिश के मकबरा :- इल्तुत्त्मिश ने सन १२३५ में अपनी कब्र का निर्माण यहाँ किया था ताकि वह मरने के बाद भी आराम से रह सके.



तो यहाँ पर ख़त्म होता है क़ुतुब मीनार का सफ़र
आगे मै आपके लिए कुछ ऐसे ही दिलचस्प सफ़र की तैयारी करूँगा. धन्यवाद!

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